सुन के पुकार माता – पिताओं की, दिल से उठी उनकी आहों की, संत श्री आशारामजी बापू का हृदय भर आया, बापूजी ने एक नया दिवस चलाया, जो मातृ – पितृ पूजन दिवस कहलाया ।
14th February 2025 Divine Valentine's Day
[Matru Pitru Pujan Divas]

परिचय [ What is Parents Worship Day ? ]
14 फरवरी को पश्चिमी देशों में युवक युवतियाँ एक दूसरे को ग्रीटिंग कार्डस, फूल आदि देकर वेलेन्टाइन डे मनाते हैं । यौन जीवन संबंधी परम्परागत नैतिक मूल्यों का त्याग करने वाले देशों की चारित्रिक सम्पदा नष्ट होने का मुख्य कारण ऐसे वेलेन्टाइन डे हैं जो लोगों को अनैतिक जीवन जीने को प्रोत्साहित करते हैं । इससे उन देशों का अधःपतन हुआ है । इससे जो समस्याएँ पैदा हुईं, उनको मिटाने के लिए वहाँ की सरकारों को स्कूलों में केवल संयम अभियानों पर करोड़ों डॉलर खर्च करने पर भी सफलता नहीं मिलती । अब यह कुप्रथा हमारे भारत में भी पैर जमा रही है । हमें अपने परम्परागत नैतिक मूल्यों की रक्षा करने के लिए ऐसे वेलेन्टाइन डे का बहिष्कार करना चाहिए । इस संदर्भ में विश्ववंदनीय पूज्य संत श्री आशारामजी बापू ने की है एक नयी पहल – ‘मातृ – पितृ पूजन दिवस’।

Valentine's day origin [Valentine's day History Facts]
- देश में कई लोग वेलेन्टाइन डे मनाते हैं परंतु क्या कोई ये जानने कि कोशिश करता है कि ये 'वेलेन्टाइन डे' कहाँ से शुरू हुआ अथवा इसके पीछे क्या राज है ? पूरा विस्तार से पढ़े...
Story Behind Valentine's Day Renamed as 'Matru-Pitru Diwas'

- हजारों-हजारों युवक-युवतियाँ तबाही के रास्ते जा रहे हैं । वेलेंटाइन डे’ के बहाने ‘आई लव यू – आई लव यू’ करते करते दिन-दहाड़े लड़का-लड़की एक-दूसरे को छुएँगे तो रज- वीर्य का नाश होगा । आने वाली संतति तो तबाह होगी लेकिन वर्तमान में वे बच्चे-बच्चियाँ भी तो तबाह हो रहे हैं । तो लाखों – लाखों माता-पिताओं के हृदय की पीड़ा से मेरा हृदय द्रवित हुआ । मेरा हृदय इसका समाधान खोजते-खोजते जहाँ सभी समस्याओं का सही उत्तर मिलता है, उधर गया तो मैंने कहा : विरोध नहीं, विद्रोह नहीं ।
- तो ऐसी गंदगी हमारे देश में न आये इसलिए मैंने वेलेंटाइन डे’ मनाने के बदले ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस ‘ मनाने का आह्वान किया है ।”
- – पूज्य संत श्री आशारामजी बापू
'मातृ-पितृ पूजन दिवस' मनायें
[How to Celebrate Mata Pita Poojan Diwas]
- दूरदृष्टि के धनी ऋषि-मुनियों के देश के बच्चों व युवान-युवतियों को अपने ओज – तेज, बल – वीर्य का नाश करने वाले 'वेलेन्टाईन डे' का त्याग करना चाहिए । इस दिन मातृ – पितृ पूजन दिवस' मनायें । बच्चे-बच्चियाँ माता – पिता का आदर-पूजन करें और उनके सिर पर पुष्प रखें, प्रणाम करें तथा माता-पिता अपनी संतानों को प्रेम करें ।
- इस दिन बच्चे माता – पिता का सम्मान करें और माता – पिता बच्चों पर स्नेहाशीष बरसायें । प्रभु के नाते एक – दूसरे को प्रेम करके अपने दिल के परमेश्वर को छलकने दें । बेटी माँ को तिलक करे, माँ बेटी को तिलक करे । बेटा बाप को तिलक करे, बाप बेटे को तिलक करे और माता – पिता संतानों को आशीर्वाद दें त्रिलोचन भव । तुम्हारी बाहर की आँख के साथ भीतर की, विवेक की, ज्ञान की कल्याणकारी आँख जाग्रत हो ।
मातृदेवो भव । पितृदेवो भव । बालिकादेवो भव । कन्यादेवो भव । पुत्रदेवो भव ।

संस्कृति तो भलाई करती है और विकृति पतन ! [ Importance of 14th February Divine Valentine's day ]

- हमारी भारतीय संस्कृति में माता-पिता को देव कहा गया है । मातृदेवो भव । पितृदेवो भव । आचार्यदेवो भव । माता-पिता ने हमारे पालन-पोषण में कितना कष्ट उठाया है और हमारे आजाद्य में हमें सही ज्ञान की सीख दी है । इनकी पूजा-अर्चना व सेवा करने से छोटे-से-छोटा व्यक्ति भी महान बन जाता है ।
- माता-पिता एवं गुरु की सेवा करनेवाला स्वयं विरआदरणीय बन जाता है । इस सिद्धांत को जिन्होंने भी अपनाया वे खुद भी आदरणीय और पूजनीय बन गये, फिर चाहे वे भगवान गणेशजी हों, भगवान श्रीरामचंद्रजी हों, भीष्म पितामह हों अथवा एक साधारण सा बालक श्रवणकुमार हो या फिर अपने माता -पिता व सद्गुरु की सेवा-भक्ति करने वाले विश्वधर्मी संत श्री आशारामजी बापू हों ।
- मंदिर में तो पत्थर की मूर्ति में भगवान की भावना की जाती है जबकि जीते जागते माता-पिता एवं गुरुदेव में तो सचमुच भगवान बसे हैं । ऐसे देवस्वरूप माता-पिता व गुरुजनों का जहाँ आदर-पूजन होता हो वहाँ की धरती माता भी अपने आपको सौभाग्यशाली मानती है ।
Divine Valentine's Day Celebration Ideas [How to Celebrate MPPD]
- 14 फरवरी को बच्चे – बच्चियों माँ – बाप का सत्कार करें । माँ – बाप को तिलक करें प्रदक्षिणा करें । माँ – बाप को ‘मातृदेव पितृदेवो भय ।’ करके नवाजें और माँ-बाप बच्चों के ललाट पर तिलक करें – ‘त्रिलोचन भव ।’ इन दो आँखों से जो दुनिया दिखती है, वह तो सपना है । ज्ञान की आँख से दुनिया को देखो तो परमात्मा ही सत्य है । शरीर मरने वाला है, आत्मा अमर है ।
- माँ – बाप तो वैसे ही बच्चों पर मेहरबान होते हैं, वैसे ही बच्चों का भला चाहते हैं और जब बच्चों से पूजित होंगे तो उनके अंतरात्मा का भी आशीर्वाद बच्चों को मिलेगा । बच्चों का भी भला, माँ-बाप का भी भला !
- मातृ – पितृ पूजन के लिए आवश्यक सामग्री Download करें



मातृ - पितृ पूजन विधि [ Matru Pitru Pujan Vidhi in Hindi ]
- माता – पिता का पूजन करते हैं तो काम राम में बदलेगा, अहंकार प्रेम में बदलेगा, माता-पिता के आशीर्वाद से बच्चों का मंगल होगा ।
- शिवपुराण में आता है – ‘जो पुत्र माता – पिता की पूजा करके उनकी प्रदक्षिणा करता है । उसे पृथ्वी-परिक्रमाजनित फल अवश्य सुलभ हो जाता है ।’ आओ ! हम भी अपने माता – पिता का पूजन कर के धन्य हो जायें ।
14 फरवरी मातृ – पितृ पूजन दिवस की विधिवत पूजन विधि Step by Steps Images एवं Audio Tracks के साथ विस्तृत में जानने के लिए क्लिक करें
यह देखकर शैतान - हृदय भी सज्जन हो जायेगा
- पिछले 17 वर्षों से मातृ-पितृ पूजन दिवस का ऐसा अभियान चल पड़ा है कि मैं बहुत – बहुत प्रसन्न हूँ और जो इसमें भागीदार हो रहे हैं उनकी भी प्रसन्नता का मैं अनुमान कर सकता हूँ । जब यह कार्यक्रम होता है तो माँ-बाप के चरणों में बच्चे मत्था टेकते हैं या गले लगते हैं तो बच्चों का भाव एवं बच्चों के माता-पिता का भाव और उनकी नम आँखों को देखकर शैतान – हृदय भी सज्जन हो जाय, दुराचारी भी सदाचारी हो जाय ऐसा पावन दृश्य होता है । बहुत सारी जगहों पर मातृ-पितृ पूजन दिवस के कार्यक्रम होते हैं इसके जैसा दूसरा कार्यक्रम कहीं नहीं देखा होगा ।
- अब गंदगी के साथ लड़ना क्या, अपना गंगा का फुहारा फेंको बस ! अपने को गंदगी में काहे को जाना ! वेलेंटाइन डे की जगह पर ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’ मनाने की प्रेरणा दे दो बस !
- उनका भी भला, प्रेमी-प्रेमिकाओं का भी भला, प्राणिमात्र का भला !
सब धर्मों की एक पुकार मात-पिता का करें सत्कार [Importance of Parents Worship Day 2024 ]

- ऐसा कोई माँ – बाप नहीं चाहते कि हमारा बेटा लोफर हो, हमारे मुँह पर लात मारे, आवारा की नाई भटके, किसी लड़की के चक्कर में आये । हमारी बेटी किसी लड़के के चक्कर में आये, शादी के पहले ही ओजहीन – तेजहीन हो जाय । ऐसा ईसाई भी नहीं चाहते, मुसलमान भाई भी नहीं चाहते हैं, पारसी, यहूदी भी नहीं चाहते हैं और हिन्दू तो कभी नहीं चाहेंगे । सभी के माता – पिता चाहते हैं कि ‘हमारी संतान ओजस्वी-तेजस्वी हो, बलवान-बुद्धिमान हो, स्वयं के पैरों पर खड़ी रहे और बुढ़ापे में हमारा ख्याल रखे । ‘छोटी उम्र में लड़के – लड़कियाँ बॉयफ्रेंड – गर्लफ्रेंड होकर तबाही की खाई में न गिरें’ ऐसा सब चाहते हैं । ‘बच्चे हमारा आदर करें’ ऐसा सभी चाहते हैं और मैं वही कर रहा हूँ । विश्वमानव को ‘मातृ – पितृ पूजन दिवस’ का फायदा मिले, ऐसा हमने पिछले 8 वर्षों से अभियान शुरू किया है ।
- सच्चे प्रेम स्वभाव से केवल भारतवासियों का ही नहीं, विश्वमानव का कल्याण होगा । लेकिन शादी – विवाह के पहले, पढ़ाई के समय ही एक – दूसरे को फूल देकर युवक – युवतियाँ अपनी तबाही कर रहे हैं तो मुझे उनकी तबाही देखकर पीड़ा होती है । मानव समाज को कहीं घाटा होता है तो मेरा दिल द्रवित हो जाता है । नारायण – नारायण…
- मैं किसी का विरोध नहीं करना चाहता हूँ लेकिन मानवता का विनाश देखकर मेरा हृदय व्यथित होता है । यह बाहर की आँधी आयी है । हम विरोध करने के बजाय इसको थोड़ी दिशा दे देते हैं ताकि यहाँ की दिशा से उन लोगों का भी मंगल हो । प्रेम – दिवस मनायें लेकिन ‘मातृदेवो भव । पितृदेवो भव ।’ करके ।
सब धर्मों की एक पुकार मात-पिता का करें सत्कार
[Importance of Parents Worship Day 2024 ]
- ✕ विकारी प्रेम बहिर्मुख करता है ।
- ✕ इससे अशांति और झगड़े पैदा होते हैं ।
- ✕ विनाश की तरफ ले जाता है ।
- ✕ इसमें एक - दूसरे का शोषण होता है ।
- ✕ इससे व्यक्ति थक जाता है ।
- ✓ शुद्ध प्रेम अंतर्मुख करता है ।
- ✓ इससे शांति और समाधान प्रकट होता है ।
- ✓ अविनाशी की तरफ ले जाता है ।
- ✓ इसमें एक - दूसरे का पोषण होता है ।
- ✓ इससे आनंद, उल्लास व स्फूर्ति आ जाती है ।
आधुनिक वैज्ञानिकों का मत


- माता – पिता के पूजने से अच्छी पढाई का क्या संबंध ?? ऐसा सोचने वालों को अमेरिका की ʹयूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिल्वेनियाʹ के सर्जन व क्लिनिकल असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सू किम और ʹचिल्ड्रेन्स हॉस्पिटल ऑफ फिलाडेल्फिया, पेंसिल्वेनियाʹ के एटर्नी एवं इमिग्रेशन स्पेशलिस्ट जेन किम के शोधपत्र के निष्कर्ष पर ध्यान देना चाहिए । अमेरिका में एशियन मूल के विद्यार्थी क्यों पढ़ाई में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करते हैं ?
- इस विषय पर शोध करते हुए उऩ्होंने यह पाया कि वे अपने बड़ों का आदर करते हैं और माता-पिता की आज्ञा का पालन करते हैं तथा उज्ज्वल भविष्य निर्माण के लिए गम्भीरता से श्रेष्ठ परिणाम पाने के लिए अध्ययन करते हैं । भारतीय संस्कृति के शास्त्रों और संतों में श्रद्धा न रखने वालों को भी अब उनकी इस बात को स्वीकार करके पाश्चात्य विद्यार्थियों को सिखाना पड़ता है कि माता – पिता का आदर करने वाले विद्यार्थी पढ़ाई में श्रेष्ठ परिणाम पा सकते हैं ।
- जो विद्यार्थी माता-पिता का आदर करेंगे वे ʹवेलेन्टाइन डेʹ मनाकर अपना चरित्र भ्रष्ट नहीं कर सकते । संयम से उनके ब्रह्मचर्य की रक्षा होने से उनकी बुद्धिशक्ति विकसित होगी, जिससे उनकी पढ़ाई के परिणाम अच्छे आयेंगे ।
सभी देशवासियों विश्ववासियों का मंगल हो ।
[Pujya Bapuji Message on Parents Worship Day 2023]

- माता-पिता को वृद्धाश्रमों में छोड़ देते हैं, क्यों…
मगर जब कुछ संतानें बड़ी होकर गलत संगति में पड़ जाती हैं और अपने माता-पिता का अपमान करने लगती हैं तो विचार करिये कि माता पिता के हृदय पर क्या बीतती होगी । आजकल कुछ युवक-युवतियाँ 14 फरवरी को वेलेन्टाइन डे मनाकर, गलत संग में पड़कर मनमाना आचरण करके अपना जीवन अंधकारमय बना देते हैं । ऐसे युवक-युवतियों के जीवन में कलह, अशांति, निराशा व आत्महत्या के विचार बढ़ जाते हैं । जिसके परिणामस्वरूप वे बड़ों के प्रति भी अपमानजनक व्यवहार करने लगते हैं । यही संतानें आगे चलकर अपने माता-पिता को वृद्धाश्रमों में भी छोड़ देती हैं ।
एक विश्वव्यापी अभियान… [MPPD Stats]
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COUNTRIES
देशों ने इसे विश्व में स्वीकारा ।
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PEOPLE
से अधिक विद्यार्थी, माता-पिता और जनमानस ने कार्यक्रम में भाग लिया ।
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CITIES
अधिक कस्बे , गाँव व शहरों में मनाया गया ।
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SCHOOLS AND COLLEGES
से अधिक विद्यालयों और महाविद्यालयों में मनाया गया ।
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STUDENTS
से अधिक शिक्षक एवं विद्यार्थी हुए लाभान्वित...
Matru Pitru Pujan Diwas Wishes, Messages, Greetings, Images 2025
Matru Pitru Pujan Diwas 14th February Quotes, Messages & Images
Some FAQ’s for Matru Pitru Pujan Diwas
MPPD प्रचार एवं पूजन सामग्री
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